कश्मीर में दर्दनाक हमला: 26 मासूमों की मौत, देश रो पड़ा|
22 अप्रैल 2025 की सुबह एक ऐसी खबर लेकर आई, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके की खूबसूरत बैसारन घाटी, जहाँ लोग छुट्टियां मनाने आते हैं, वहां आतंकियों ने हमला कर दिया। इस भयानक हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ये हमला केवल लोगों की जान नहीं ले गया, बल्कि देश की आत्मा को भी झकझोर गया।
खुशियाँ मनाने आए थे, मौत ले गई
जो लोग वहां घूमने आए थे, वो अपने परिवार और दोस्तों के साथ अच्छे पल बिताने आए थे। किसी को क्या पता था कि वही जगह उनकी आखिरी मंज़िल बन जाएगी। जब लोग तस्वीरें खींच रहे थे, हँसी-मज़ाक कर रहे थे, तभी अचानक गोलियों की आवाज़ आई और हर तरफ चीख-पुकार मच गई।
कौन थे हमलावर?
इस हमले की जिम्मेदारी एक आतंकवादी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है। यह संगठन पाकिस्तान में बैठे बड़े आतंकी ग्रुपों जैसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, हमले में शामिल कई आतंकी पाकिस्तान से आए थे।
डर और दर्द का वो मंज़र
जिसने भी उस मंजर को देखा, उसका दिल काँप गया। गोलियों की आवाज़, खून से सनी ज़मीन, और घायल बच्चों व महिलाओं की चीखें… सब कुछ जैसे किसी बुरे सपने जैसा लग रहा था। कई लोग पेड़ों के पीछे छुपे, कुछ दौड़कर जान बचाने की कोशिश करने लगे, लेकिन कई लोगों को नहीं बचाया जा सका।
देश की प्रतिक्रिया: गुस्सा और दुःख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक अमानवीय हमला बताया और कहा कि जो भी इसके पीछे है, उसे सज़ा जरूर मिलेगी। भारत सरकार ने पाकिस्तान से कुछ संबंध तोड़ दिए, एक सीमा रास्ता बंद कर दिया और पानी की संधि भी रोक दी।
परिवारों का टूटा दिल
जिन लोगों ने अपनों को खोया, उनके लिए ये सिर्फ एक हमला नहीं था—ये उनके पूरे जीवन को बदल देने वाला हादसा था। एक मां अपनी बेटी को घूमाने लाई थी, लेकिन अब उसकी सिर्फ यादें बची हैं। एक नवविवाहित जोड़ा हनीमून मनाने आया था, लेकिन अब पत्नी अपने पति की अर्थी लेकर घर लौटी।
पूरा देश एक साथ खड़ा
सोशल मीडिया पर लोग #JusticeForTourists हैशटैग के साथ न्याय की मांग कर रहे हैं। बॉलीवुड सितारों, खिलाड़ियों और आम लोगों ने इस घटना की निंदा की। प्रियंका चोपड़ा ने भी ट्वीट किया, “ये हादसा हमें बहुत लंबे समय तक दर्द देगा।”
अब क्या करना होगा?
अब वक्त है कि हम सब मिलकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े हों। सरकार को और कड़े कदम उठाने होंगे और हमें सतर्क रहना होगा। एक-दूसरे का साथ देकर, हम देश को मजबूत बना सकते हैं।
अंत में: श्रद्धांजलि और संकल्प
ये हमला हमें याद दिलाता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। उनका एक ही मकसद होता है—इंसानियत को खत्म करना। लेकिन भारत जैसे देश में, जहाँ प्यार और भाईचारा सबसे ऊपर है, वहां ये ताकतें कभी कामयाब नहीं हो सकतीं।
"उन मासूमों की शहादत को हम कभी नहीं भूलेंगे। उनकी यादें, उनकी खुशबू, हमारे दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगी।"
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